उनकी खूबसूरती पे हज़ारों ग़ज़ल लिख गया,
उन्हें खूबसूरती का बेपनाह ताज कह गया,
संगमरमर से खूबसूरत है हुस्न जिनका,
उनके हुस्न को अजंता की मूरत लिख गया,
उनकी खूबसूरती पे हज़ारों ग़ज़ल लिख गया,
उनके जिस्म की खुश्बू मेरी रूह में बस गयी,
उनकी प्यारी छवि मेरे दिल में उतर गयी,
पायल छनकती आई वो इस दिल में,
उनकी पायल की चमचम को
सुरों से सजा कोई गीत लिख गया,
उनकी खूबसूरती पे हज़ारों ग़ज़ल लिख गया,
वो आके रात में बाहों में बस गये,
वो होंठों से होंठों को मेरे चू गये,
वो जिस्म में उतरेय इस कदर की मेरी सांस बन गये,
उनकी सांसो के जीने को जीने का अंदाज़ लिख गया,
उनकी खूबसूरती पे हज़ारों ग़ज़ल लिख गया,
उनकी आंखो से मिलना हुआ इस कदर की उनमें डूब गया,
देखता रहा बस उनकी आँखों को आँखों में खो गया,
चूमा जब उनकी आँखों को,
खूबसूरत पलकों पे सजा कोई ख्वाब लिख गया,
उनकी खूबसूरती पे हज़ारों ग़ज़ल लिख गया
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